भागलपुर/ 5 मई: कोरोना संक्रमणकाल में लोगों का पूरा ध्यान इस संक्रमण से बचाव की तरफ है. वैश्विक स्तर पर इसकी रोकथाम के प्रयासों के साथ उपचार की तकनीक विकसित करने पर भी कार्य किया जा रहा है. महामारी के इस दौर में मातृ स्वास्थ्य के लिए भी कई चुनौतियाँ बढ़ी है.कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण एक तरफ मातृ पोषण सेवाओं को प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं तो दूसरी तरफ़ मातृ आहार एवं पोषण पर महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने की समस्या भी बढ़ी है. इसको ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम(डब्ल्यूएफपी), ग्लोबल न्यूट्रीशन क्लस्टर्स एवं ग्लोबल टेक्निकल एस्सिटेंस मैकेनिज्म फॉर न्यूट्रीशन ने संयुक्त रूप से मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं को लेकर मार्गदर्शिका तैयार की हैजिसमें कोरोना संक्रमण के इस दौर में मातृ आहार एवं पोषण को सुरक्षित करने के लिए विस्तार से जानकारी दी गयी है.
इसलिए जरुरी है मातृ आहार एवं पोषण पर अधिक ध्यान देना:
जारी मार्गदर्शिका में बताया गया है बेहतर मातृ पोषण सुनिश्चित कराना पहले से ही एक चुनौती रही है लेकिन कोरोना महामारी ने इस समस्या को और गति दी हैजबकि महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की जरूरत अधिक है. गर्भावस्था से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पोषक आहार एवं बेहतर पोषण की जरूरत बढ़ जाती है. महामारी के कारण पोषक आहारों की अनुपलब्धता भी देखी गयी है. इससे मातृ पोषण भी प्रभावित हुआ है.
एक तरफ विश्वव्यापी लॉकडाउन के कारण आम लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं जिससे पोषक आहारों की उपलब्धता बाधित हुयी हैऔर दूसरी तरफ कोरोना रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता के कारण मातृ पोषण सेवाएं भी अच्छे तरीके से सुचारू नहीं हो पा रही हैं. वहीं विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कारण एवं लिंग आधारित भेदभाव भी माताओं के बेहतर पोषण में बाधक बना है. कोरोना संक्रमण काल में महिलाएं भी घर से नहीं निकल रही हैं एवं उन्हें पोषण पर जरुरी सलाह भी प्राप्त नहीं हो पा रही है. इन वजहों के कारण महिलाओं में चिंता, अवसाद, ट्रामा एवं मानसिक परेशानी भी बढ़ रही है. साथ ही घरेलू हिंसा के मामलों एवं सामजिक सहयोग में कमी भी महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है. इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि कोरोना संक्रमण काल में इन बाधाओं को देखते हुए मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं पर आम जागरूकता भी बढाई जाए एवं संबंधित सेवाओं को भी दुरुस्त किया जाए.
जरुरी कार्रवाई से सुधार है संभव:
•सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एवं निजी सेक्टर कोरोना के दौर में महिलाओं के लिए आहार की उपलब्धता को फंडामेंटल राईट के तहत सुनिश्चित करें
•महिलाओं कीपोषण जरूरत को अधिक प्राथमिकता दें. विशेषकर कुपोषित, कम वजन, हाइपरटेंसिव, गर्भावस्था में मधुमेह से पीड़ित, एनीमिक, एचआइवी-एड्स पीड़ित, किशोरी एवं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की अधिक जरूरत है
•लिंग आधारित भेदभाव को दूर करते हुए महिलाओं के लिए बेहतर आहार एवं पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना
•सामुदायिक सहभागिता के जरिए महिलाओं को कोरोना पर जागरुक करना एवं स्थानीय स्तर पर सेवा प्रदाताओं की इसमें सहभागिता सुनिश्चित कराना
पोषण जरूरत को पूरा करने के लिए दी गयी सलाह:
•महिलाओं के जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को अंतराष्ट्रीय सलाह के मुताबिक जारी रखनाजैसे प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव उपरांत जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना
•2 से 3 महीने के लिए जरुरी पोषण सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना(आयरन की गोली एवं कैल्शियम की गोली)
•लॉन्ग टर्म निति निर्माण के तहत स्थानीय स्तर पर पोषक, सुरक्षित एवं सस्ते आहारों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना
•सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत महिलाओं की पोषण जरूरत को पूरा करने की दिशा में कार्य करना
रिपोर्टर
Rashtriya Jagrookta (Admin)
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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